सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

महाशिवरात्रि को लेकर प्रसिद्ध मटेश्वर धाम सज-धज कर तैयार

 सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।


सिमरी बख्तियारपुर में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिर परिसर को सजाया गया है। एलईडी लाइट सहित पूजा पाठ की अन्य व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। आज सुबह मंदिर का पट 3:00 बजे खोल दिया जाएगा। महाशिवरात्रि पूजा अर्चना को लेकर अनुमंडल प्रशासन ने व्यापक विधि व्यवस्था की है। वहीं अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह चौकस है। मालूम हो कि प्रसिद्ध मटेश्वर धाम कांठो बलवा हाट महाशिवरात्रि पर्व को लेकर पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक उमड़ती है। 4 दिनों तक चलने वाला यह पूजा अर्चना के लिए अनुमंडल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए हैं। प्रसिद्ध धाम कांठो के संपूर्ण प्रभार सिमरी बख्तियारपुर के एसडीओ अनीषा सिंह मॉनिटरिंग करेंगे। वहीं दूसरी तरफ अनुमंडल प्रशासन ने एक संयुक्त आदेश निकाल कर महाशिवरात्रि पर्व की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस बल सहित महिला पुलिस बलों की तैनाती की गई है। क्योंकि मंदिर परिसर के विभिन्न प्रवेश मुख्य द्वार, मंदिर परिसर सहित बलवा हाट बाजार की व्यवस्था में लगे रहेंगे। इसके साथ ही चौक चौराहे पर भी वेरेकेटिग  की व्यवस्था की गई है। सिमरी बख्तियारपुर एसडीओ के पत्रांक 304-2 के अनुसार मटेश्वर धाम कांठो में दो दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व एवंं महोत्सव के अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं को आने की संभावना को देखते हुए विधि व्यवस्था संधारण दो पालियों में किया गया है। ज्ञापांक के अनुसार मंदिर गर्भगृह बरामदा पर प्रखंड कृषि समन्वयक धीरेन्द्र कुमार, बनमाईटहरी प्रखंड के प्रखंड कृषि समन्वयक दीपक कुमार, मंदिर परिसर के प्रमुख द्वार पर संजीव कुमार, आशुतोष आनंद, मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा के मुख्य सड़क तक प्रखंड कृषि समन्वयक अशोक कुमार ब्रह्मचारी, विकास कुमार, मंदिर प्रांगण में अशोक कुमार गांधी, विकास कुमार, उच्च विद्यालय के निकट बेरियर पर अमलेश कुमार,  संजीव कुमार, बलवा हाट चौक टेंपो स्टैंड के पास अनिल कुमार रविंद्र कुमार, रामलूटन राय, मस्जिद के पास इंद्रपाल सिंह, शिव कुमार मिश्रा, सरोजा चौक के नजदीक आनंद झा, फारुख मसूद, चपराम चौक के नजदीक रामबाबू राय, शौकत अली को प्रतिनियुक्त किया गया है। संपूर्ण कार्यक्रम स्थल पर सिमरी बख्तियारपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अमित कुमार, कृषि पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह, बनमा इटहरी के अंचलाधिकारी रंजीत कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी केशव गोयल को प्रतिनियुक्त किया गया है। वही पुरुष दीर्घा में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चंदन पासवान, सहकारिता पदाधिकारी संदीप कुमार, महिला दीर्घा में जय श्री दास, पुनीता कुमारी, सलखुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी नुजहत सुल्ताना, मुन्नी कुमारी वीआईपी दीर्घा में बनमा इटहरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि कुमार, पत्रकार दीघा में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी गुरु प्रसाद मंडल आदि को प्रतिनियुक्त किया गया है।


गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

2 मार्च से 4 दिवसीय बाबा मटेश्वर महोत्सव, पहली बार हो रहा है, राजकीय महोत्सव, महोत्सव में लगेगा ख्यातिप्राप्त कलाकारों का संगम।


सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के प्रसिद्ध मटेश्वर धाम कांठो बलवाहाट मंदिर परिसर में आगामी 2 मार्च से चार दिवसीय बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव आयोजन का आगाज होगा। यह निर्णय गुरुवार को मटेश्वर धाम परिसर में आयोजित बैठक में अनुमंडल प्रशासन एवं न्यास समिति सदस्य के महत्पूर्ण बैठक में लिया गया। बाबा मटेश्वर धाम परिसर में आज पहला ऐसा ऐतिहासिक मौका था, जहां राज्य स्तरीय बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव की विस्तृत रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। सिमरी बख्तियारपुर एसडीओ अनीषा सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से राज्य स्तरीय मानक के अनुसार महोत्सव की तैयारी की नींव रखी गई। मौके पर एसडीओ ने कहीं  कि राज्य स्तरीय बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव को लेकर कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आवंटन प्राप्त हुआ है। इसके आलोक में राज्य स्तरीय उम्दा कलाकारों का समागम बाबा मटेश्वर की धरती पर होगा। उन्होंने कहीं कि मटेश्वर धाम में कला एवं संस्कृति के स्वस्थ मनोरंजन के माध्यम से बाबा मटेश्वर की गरिमामई ख्याति को बिहार ही नहीं बल्कि देश में भी उजागर किया जाएगा। 
बैठक में पूर्व विधायक एवं न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने सर्वप्रथम बाबा मटेश्वर धाम की गरिमामई महत्ता एवं संस्कृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विगत 2 वर्षों से चार दिवसीय महोत्सव का कार्य न्यास समिति के द्वारा किया जा रहा है। आज हमें सुखद एहसास हो रहा है कि बिहार सरकार के कला संस्कृति मंत्रालय के द्वारा बाबा मटेश्वर धाम की महत्ता को देखते हुए महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसडीओ मोहतरमा ने आज यहां पहुंच कर हम लोगों को महोत्सव की तारीख की घोषणा कर उपकृत करने का कार्य किया है। ऐतिहासिक महोत्सव यह हम सभी का प्रयास है। लेकिन सीमित संसाधन में ख्याति प्राप्त कलाकार का कार्यक्रम राज्य स्तरीय एक दिन होना तय है। बावजूद हम सब उन्हें चल आ रही परंपरा के अनुसार तीन दिवसीय कार्यक्रम का आगाज न्यास समिति के बैनर तले किया जा रहा। भविष्य में बाबा मटेश्वर धाम की महत्ता एवं क्षेत्र के लोगों के उम्मीद के अनुसार सरकार से चार दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव किए जाने की मांग की जाएगी। बैठक के बाद महोत्सव स्थल का भी निरीक्षण किया गया।
ख्याति प्राप्त कलाकार का सागम:
बैठक में मुख्य रूप से कम समय को देखते हुए आनन फानन में राज्यस्तरीय ख्याति प्राप्त कलाकार प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा एवं मैथिली ठाकुर की गरिमामई कार्यक्रम पर चर्चा चर्चा चलीं। जिसकी भागीदारी सुनिश्चित करने करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
1 दिन कार्यक्रम:
बाबा मट्टेश्वर धाम महोत्सव के पहले दिन शिव पार्वती विवाह, पूजा अर्चना, अष्टयाम एवं शिव पार्वती के विवाह के उपलक्ष में महिलाओं द्वारा विवाह एवं मंगल गीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। अष्टयाम में पड़ोसी देश नेपाल के महिला टोली के द्वारा रामधुनी संकीर्तन का आयोजन।
दूसरे दिन:
बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा राज्य स्तरीय बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव के अवसर पर देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन। इसी दिन महोत्सव में सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के प्रतिभा संपन्न कलाकारों को इस मंच के माध्यम से प्रतिभा को निखारने का भी मौका दिया जाएगा। सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े कलाकार इस मंच को साझा कर अपनी प्रतिभा का परचम फहरा सकते हैं। इसके लिए एसडीओ एवं न्यास समिति के द्वारा मनोनीत अधिकारी के द्वारा इंट्री कर सकते हैं। एक तरह से सिमरी बख्तियारपुर के प्रतिभा के धनी युवा कलाकारों के निखारने का एक मंच के रूप में भी देखा जा रहा है।
तीसरे एवं चौथे दिन:
तीसरे एवं चौथे दिन का महोत्सव पूर्णतः न्यास समिति के द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस दो दिनोंं के कार्यक्रम में मिथिला स्टूडेंट यूनियन के चुनिंदा कलाकारों के द्वारा गीत, संगीत, नृत्य, भाव नृत्य, झांकी एवं शंखनाद आदि कला का प्रदर्शन किया जाएगा। इन कलाकारों के द्वारा चर्चित प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर एवं दिलीप दरभंगिया के कार्यक्रम के लिए संपर्क साधा जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस बैनर के रचना झा, आयुष्मान शेखर, रोशन झा, प्रियांशी झा, प्रकाश झा, पप्पू पंकज, जूली झा, माधव राय, अरविंद सिंह, पूनम मिश्रा सहित हास्य कलाकार राधे भाई का लगभग संपर्क हो चुका है। या कलाकार अपनी सुरमई आवाज की बदौलत बाबा मटेश्वर महोत्सव की जान बनेंगे।
महोत्सव में उद्घाटन सत्र:
बैठक में राज्य स्तरीय 2 मार्च को होने वाली महोत्सव में सुबह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रण किया जाएगा। इसके अलावा कला संस्कृति एवं युवा मंत्री आलोक झा, मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव, खगरिया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, क्षेत्रीय विधायक युसूफ सलाउद्दीन, पूर्व विधायक सहित जिले एवं प्रमंडल के तमाम अधिकारी को आमंत्रित किए जाने पर भी विचार विमर्श किया गया है। 
उपस्थिति:
बैठक में बीडीओ डा.अमित कुमार, सीओ कृष्ण कुमार सिंह, बलवाहाट ओपी अध्यक्ष ओपी अध्यक्ष अजीत कुमार न्यास समिति के उपाध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, सचिव जगधर यादव, डाक एवं काँवरिया संघ अध्यक्ष मुन्ना भगत, कृतनारायण राय, जितेंद्र सिंह बघेल, विनोद सिंह, रामप्रवेश राय, रामोतार यादव, धर्मवीर सिंह, कृष्ण कन्हैया, उच्च दीपक सिंह, भोलेन्द्र राय, सौरभ कुमार, सिकेन्द्र साह, रतन मिश्रा, रोशन मिश्रा आदि सहित अन्य लोग मौजूद थे।
प्राधिकृत किए गए पदाधिकारी:
बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव को लेकर सहरसा के डीएम ने ज्ञापांक 330 के अनुसार सिमरी बख्तियारपुर के एसडीओ अनीषा सिंह को बाबा मटेश्वर धाम महोत्सव के आयोजन हेतु प्राधिकृत अधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि स्वीकृत राशि के अनुरूप महोत्सव का आयोजन मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष, सदस्य एवं अन्य संबंधित सामाजिक कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित करते हुए, ससमय महोत्सव का आयोजन कराया सुनिश्चित करेंगे।

शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

बरियाही में कपड़ा व्यवसाई पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण: वैश्य समाज

सहरसा@
बनगांव थाना क्षेत्र के बरियाही बाजार में कपड़ा व्यवसायी रामलोचन गुप्ता उर्फ प्रह्लाद गुप्ता को शुक्रवार की संध्या अज्ञात अपराधियों ने सिर में गोली मारने की घटना को अंजाम दिया गया है। जिसे इलाज हेतु पटना रेफर  किया गया है। आज बरियाही बाजार के स्थानीय व्यवसायियों ने अपना अक्रोश प्रकट करते हुए बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन करने का काम किया। वहां के व्यवसायियों ने स्थानीय प्रशासन पर बीते कई वर्षों से हो रहे आपराधिक घटना पर कारवाई नही होने की बात कही। शनिवार को वैश्य समाज सहरसा के प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद साह के नेतृत्व मे घटना स्थल पर जाकर घटना की विस्तृत जानकारी ली। साथ ही पाया कि बनगांव थाना अगर भीड़ भाड़ वाले बाजार मे शाम मे चुस्त दुरस्त रहती तो इस तरह की घटना नही होती। वैश्य समाज सहरसा ने आरक्षी अधीक्षक  सहित तेज तर्रार आरक्षी उपमहानिरीक्षक से मांग करती है, कि व्यवसायियों पर आगे से इस तरह की घटना नही घटे इसके लिए जो भी कारवाई हो सके करने का काम करे। इस प्रतिनिधि मंडल मे वैश्य समाज के जिला प्रवक्ता राजीव रंजन साह, संजय कुमार, पंकज भगत, अशोक गुप्ता सहित स्थानीय लोग मौजूद थे। इसी सदर्भ मे आज मीर टोला स्थित वैश्य समाज के कार्यालय मे प्रेस वर्ता कर घटना पर अक्रोश प्रकट करते हुए अविलंब अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग किया। इस प्रेस वर्ता मे व्यापार संघ के सचिव विकास गुप्ता , वैश्य समाज के उपाध्यक्ष विजय गुप्ता, प्रवक्ता राजीव रंजन साह, महासचिव संजय कुमार, कुश मोदी, पंकज भगत, अशोक गुप्ता आदि मौजूद थे।

अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक


सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
 सहरसा सिविल सर्जन के निर्देशानुसार नियमित टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल के मीटिंग हांल में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की एक  बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी एवं एएनएम सेविका, सहायिका, आशा एवं आंगनबाड़ी केंद्र की एलएस ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी यूएनडीसी के मुमताज खालिद ,यूनिसेफ के मोहम्मद हसन, डब्ल्यूएचओ के मनोज शाह केयर इंडिया के अखिलेश कुमार, शहाबुद्दीन, सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा एवं स्वास्थ्य प्रबंधक महबूब आलम आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। बैठक में टीकाकरण अभियान की पंचायतवार समीक्षा की गई। शत प्रतिशत कोरोना टीकाकरण एवं प्लस पोलियो लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं हेल्थ सब सेंटर पर आयोजित होने वाले प्रतिरक्षण कार्यक्रम को मुस्तैदी से पूर्ण कराने का निर्देश दिया। इसको लेकर डब्लूएचओ, केयर इंडिया एवं यूनिसेफ सहित सहयोगी संस्थानों के अधिकारियों को नियमित अनुश्रवण की जिम्मेदारी दी गई। स्वास्थ्य प्रबंधक ने बताया कि सिमरी बख्तियारपुर में प्रतिरक्षण का प्रतिशत किसी भी हालत में करना है। अभी से सभी  स्वास्थ्य कर्मी प्रतिरक्षण अभियान में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी हालत में दिए, गए टारगेट को पूरा करना है। साथ ही मॉनिटरिंग टीम को भी इस कार्य को मुस्तैदी से कराने के लिए निरीक्षण किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए गए विकास कार्य ऐतिहासिक: विधायक गूँजेश्वर साह


सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
सिमरी बख्तियारपुर के प्रसिद्ध बाबा मटेश्वर धाम परिसर में जदयू संगठन को मजबूत करने को लेकर महिषी के विधायक गूँजेश्वर साह की मौजूदगी में जदयू नेता एवं कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई। प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र सिंह कुशवाहा के अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधायक गूँजेश्वर साह ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए गए विकास कार्य उनके द्वारा गरीब गुरवो के लिए चलाए जा रहे कल्याणकारी योजना एवं समाज सुधार के लिए उठाए गए कदम से आम आवाम को कार्यकर्ता अवगत कराने का काम करें। ताकि आम लोगों को भी विकास कार्य का पता चल सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर 15 से 20 सक्रिय कार्यकर्ताओं को तैयार करना होगा। तभी संगठन मजबूत होगा एवं नीतीश कुमार के हाथ मजबूत होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ऊर्जावान बनाने के कई टिप्स भी दिए। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ अरुण कुमार ने कहा कि आपके साथ देश के सर्वाधिक लोकप्रिय एवं काम में विश्वास रखने वाले नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री का साथ है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को दिशा देने का काम किए हैं। जिसके कारण बिहार का नाम पूरे देश में ऊंचा कर दिया है।उन्होंने कहा कि जदयू कार्यकर्ताओं की पार्टी है। हम मन से पार्टी के लिए कार्य करेंगे तो हमें सम्मान भी मिलता रहेगा।बैठक का संचालन जिला जदयू अध्यक्ष चंद्रदेव मुखिया ने किया। सभा को जद यू नेता मानवेंद्र ठाकुर, राजकुमार सिंह, देवेंद्र देव, भीम नारायण महतो, उपेंद्र यादव, सुनील कुमार यादव, ललित कुमार, नोमान खान, शिव नारायण राय, गजेंद्र साह, महानंद कुमार, सुधीर सिंह, शशि कुमार सिंह,मुरारी कुमार सिंह, मनोज रजक, सुमन सौरभ, इंदल पासवान, अफरोज आलम, जगधार यादव, प्रमुख शबनम कुमारी,पिंकू यादव ललन कुमार यादव सहित अन्य ने संबोधित किया। मौके पर दूसरे दलों के एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की।


गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

डीआरएम ने किया सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन का औचक निरीक्षण

सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा मानसी रेलखंड के बीच सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने पहुंच कर स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया सहित स्टेशन अधीक्षक कक्ष एवं प्रतीक्षालय का भी निरीक्षण किया। मौके पर यात्रियों ने सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर बैशाली एक्सप्रेस ठहराव की भी मांग की गई। डीआरएम अपनी टीम के साथ सहरसा से स्पेशल ट्रेन से सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने स्पेशल बौगी से उतरने के बाद सीधे स्टेशन परिसर के बाहरी सर्कुलेटिंग एरिया का जायजा लिया। एवं उन्होंने ऑटो स्टैंड सहित पे एंड यूज शौचालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर बताया कि स्वच्छता  स्टेशन परिसर की पहली प्राथमिकता है। सर्कुलेटिंग एरिया को साफ सुथरा रखें। उन्होंने मौके पर स्टेशन अधीक्षक को फटकार लगाते हुए कहा कि स्टेशन परिसर में अस्त-व्यस्त ओटो स्टेंड बना हुआ है। इसे मार्किंग कर स्टेंड को व्यवस्थित रूप से वाहन लगाए। व्यवस्था की भी जांच की।

रविवार, 6 फ़रवरी 2022

विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा का अश्रुपूर्ण नेत्रों से विदाई

सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
सिमरी बख्तियारपुर में विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन रविवार को पूरे भक्तिभाव एवं पूजा-अर्चना के साथ की गई। इस दौरान आरती का आयोजन किया गया। तत्पश्चात मां की प्रतिमा को लेकर गाजे-बाजे के साथ नदी तालाबों तक ले जाया गया। जहां देवी की प्रतिमा को भावपूर्ण तरीके से विसर्जन किया गया। मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा मां सरस्वती से विद्या एवं ज्ञान का वर मांगते हुए उन्हें विदा किया। इसके पहले विसर्जन में शामिल युवकों एवं महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर एक दूसरे को पूजा की बधाई दी। मौके पर मां सरस्वती के जयघोष से पूरा माहौल भक्ति मय हो उठा। अनुमंडल प्रशासन द्वारा विसर्जन को लेकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से सड़कों के अलावा नदी तालाबों पर पुलिस की तैनाती की गई थी। मौके पर नगर सेे लेकर ग्रामीण इलाकों में दो दिनों तक पूरा माहौल भक्ति के सागर में डूबा रहा।

सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर वैश्य समाज सहरसा के तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

सहरसा, (राजीव रंजन की रिपोर्ट)।
अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर वैश्य समाज सहरसा के तत्वावधान में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर लता दीदी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। शहर के मीर टोला स्थित कार्यालय मे वैश्य समाज के सदस्यों ने भारत रत्‍न' से सम्‍मानित सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के तेलिए चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देकर नमन किया। मौके पर वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद साह ने लता दीदी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भारत की सुर साम्राज्ञी के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण एवं दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वैश्य समाज के कार्यकारी जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार देव, उपाध्यक्ष कृषणमोहन चौधरी, श्यामनंदन पोद्दार, भाजपा उपाध्यक्ष श्यामल पोद्दार ने कहा कि जिस उम्र में बच्चे खेलते-पढ़ते हैं तब लता मंगेशकर ने घर की जिम्मेदारी संभाली थी।अपने भाई-बहनों के बेहतर भविष्य के लिए कभी शादी नहीं की थी। लता मंगेशकर चाहे ये दुनिया छोड़कर चली गई हैं। लेकिन अपने सदाबहार गानों की विरासत फैंस के लिए छोड़ गई हैं। 
वैश्य समाज के जिला प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने लता दीदी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लता मंगेशकर जी वो थी जिनके गाने हमारे दादा जी जितने चाव से सुनते थे उतने ही चाव से हमारे पापा भी सुनते है और उनसे भी ज़्यादा चाव से हम सुनते है, एवं आने वाली पीढ़ियाँ भी सुनती रहेगी। वैश्य समाज के जिला महासचिव शशिभूषण गांधी, युगलकिशोर भीमसेरिया, वीरेंद्र पोद्दार ने कहा कि कुछ व्यक्तित्व एक हजार साल में एक बार ही जन्म लेते हैं। लता जी ऐसी ही एक शख्सियत थीं। हमारे देश में कोई भी व्यक्ति उनके संगीत से अछूता नहीं है। उनकी आवाज से हर शख्स मंत्रमुग्ध हुआ है। इस अवसर पर पुलिकत साह, ई. अरविंद साह, रामनाथ साह, सुभाष साह, अनुरूध साह, विनोद साह, राजेंद्र साह, उपेंद्र पोद्दार, पंकज भगत, जीतन साह, मुकेश साह, मीडिया प्रभारी नीरज राम, कुश मोदी, रूपेश साह, संतोष कुमार लड्डू, राजा साह, संतोष साह, कैलाश साह, ललन जी आदि ने लता दी के चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

सिमरी बख्तियारपुर में इंटर परीक्षा चौथे दिन शांतिपूर्ण संपन्न, 11 परीक्षार्थी अनुपस्थित


सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटर परीक्षा के चौथे दिन शुक्रवार को सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल मुख्यालय स्थित 2 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शांतिपूर्ण कदाचार मुक्त वातावरण में संपन्न हो गया। दोनों परीक्षा केन्द्र पर शुक्रवार को चौथे दिन कुल 11 परीक्षार्थी अनुपस्थित पाई गई। 
उच्च विद्यालय:
सिमरी बख्तियारपुर उच्च विद्यालय में प्रथम पाली में 245 परीक्षार्थी उपस्थित एवं 4 परीक्षार्थी अनुपस्थित रही। एवं दूसरी पाली मे 235 परीक्षार्थी में 1 परीक्षार्थी अनुपस्थित रही। 

प्रोजेक्ट कन्या स्कूल:
प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में पहली पाली में 143 परीक्षार्थी शामिल हुए एवं 3 अनुपस्थित रही। दूसरी पाली में 229 में 3 परीक्षार्थी अनुपस्थित रही। 

अधिकारी:
शुक्रवार को सुबह प्रथम पाली विज्ञान एवं दूसरी पाली में आट्स की परीक्षा निर्धारित समय के पूर्व ही सभी छात्रा परीक्षार्थियों को सघन जांच बख्तियारपुर थाना के महिला पुलिस बल के नेतृत्व मे स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा किया गया। उक्त दोनों परीक्षा केंद्रों पर शुक्रवार को उड़नदस्ता टीम के सौरभ राज एवं पुलिस निरीक्षक रविंद्र प्रसाद यादव, गस्ती दल नप कार्यपालक पदाधिकारी केशव गोयल, प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अमित कुमार, वरीय स्टैटिक जयश्री दास एवं बख्तियारपुर थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार पूरे दिन भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते रहे एवं केंद्राधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहें। परीक्षा केंद्रों पर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चंदन पासवान, अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार प्रतिनियुक्त थे।

सरस्वती पूजा को लेकर तैयारी अंतिम चरण में, कोरोना काल एवंं ठंड के कारण फीका पड़ा पूजनोंउत्सव।


सिमरी बख्तियारपुर, सहरसा।
अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एवं बनमा इटहरी प्रखंड में 5 फरवरी आज सरस्वती पूजा को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। कोरोना काल को लेकर सरकारी एवं गैर  सरकारी स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना नहीं की जा रही है। कुछ प्राइवेट स्कूलों में सीमित तौर पर सरस्वती मां के फोटो को रखकर पूजा अर्चना की जा रही है। ऐसे में सरस्वती मां के प्रतिमा एवं सजावटी दुकानदारों की बिक्री नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को प्रतिमा बनाने वाले कारीगर के स्थल पर काफी अधिक संख्या में बिना अंतिम रूप दिए सरस्वती प्रतिमा रखे हुए हैं। वही बचीं कसर शुक्रवार की देर रात से हो रही रिम झिम बारिश एवं कड़ाके की ठंड ने लील ली से।

सजावट दुकान पर भीड़ कम:
इस बार सरस्वती पूजा में मूर्तिकार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा है, वहीं दूसरी ओर सजावटी दुकानदारों के बीच की मंदी छाई हुई है। लाखों रुपए के सजावटी सामान इन दुकानदारों के गोदाम में पड़े हुए हैं। लेकिन खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं। वही प्रसाद के रूप में फल की के दुकानदारों की बिक्री भी प्रभावित हुई है।
पूजा पर कोरोना ग्रहण:
मालूम हो कोरोना काल से पूर्व विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, चौक चौराहे एवं मोहल्ले में सफलता पूर्वक सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाया जाता था। वसंत पंचमी को सदियों से हर साल छात्रों व शिक्षकों द्वारा शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजन करने की प्रथा थी। सरस्वती पूजन शिक्षण संस्थानों के अलावे भी कई सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों द्वारा प्राय: हर गांव मोहल्ले के चौक- चौराहे पर भव्य पंडाल निर्माण कर किया जाता था। लेकिन इस बार यह रौनक देखने को नहीं मिल रही है।

मूर्ति व्यवसाय प्रभावित:
सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद  सहित अनुमंडल के कस्बाई एवं ग्रामीण इलाकों में मूर्तिकारों के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ युद्ध स्तर पर मां सरस्वती के प्रतिमा को अंतिम रूप देने में दिन रात का लगे हुए रहते थें। लेकिन इस बार कोरोना काल में मूर्तिकार परेशान है। प्रतिमा के बिक्री आधे से भी कम है। जो मूर्तिकार दिन रात प्रतिमा को अंतिम रूप में देने में लगे रहते थे। वे आज खाली बैठे हुए हैं। शुक्रवार को मूर्ति परिसर में अर्ध निर्मित बने मूर्ति रखे हुए हैं। ग्राहकों की भीड़ अन्य वर्षो की अपेक्षा इस बार नहीं के बराबर है। कई ग्राहक एडवांस देने के बाद भी मूर्तिकार से मां सरस्वती की प्रतिमा लेने नहीं पहुंचे हैं। 

शिक्षण संस्थान:
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरविंद कुमार महतो ने बताया कि शिक्षण संस्थान के वरीय अधिकारी के निर्देश के आलोक में सरकारी, गैर सरकारी स्कूल एवं कोचिंग संस्थान परिसर में कोरोना काल एवं स्कूल बंदी के हालात में सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं होगा। न ही किसी भी प्रकार का समारोह आयोजित किया जाएगा।

क्या कहते हैं, अधिकारी:
सिमरी बख्तियारपुर एसडीओ अनीषा सिंह ने बताई कि कोविड-19 के मुद्दे नज़र सरस्वती पूजा कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना है। पांच फरवरी को बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा है। एसडीओ ने सभी लोगों से कहा कि आप सभी पूरी श्रद्धा के साथ सरस्वती की पूजा आराधना करें। लेकिन कहीं भी सार्वजनिक जगहों पर भीड़ इकट्ठा नही हो इसका ख्याल रखेंगे। एसडीओ ने कहा कि पूजा पंडाल निर्माण की अनुमति एवं लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा। सरस्वती पूजा के मेला पर प्रतिबंध है। मास्क, सामाजिक दूरी का पालन करना है। पूजा समिति के द्वारा डीजे बजाना पूर्ण प्रतिबंधित है। पूजा समिति द्वारा महाप्रसाद का आयोजन नहीं किया जाएगा। वही विसर्जन कार्यक्रम में पूरी सादगी के साथ मात्र 20 आदमी विसर्जन में बिना जूलूस का किया जाएगा।

बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

मेरी यात्रा कहलगांव: गंगा नदी के बीच स्थित 3 खूबसूरत एवं अद्भुत रिवर आइलैंड शांति धाम का ऐतिहासिक महत्व

कहलगांव, राजेश गुप्ता।
बिहार का सिल्क नगरी भागलपुर जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर एवंं गंंगा नदी तट पर बसा कहलगांव एनटीपीसी के (इलेक्ट्रिक पावर प्लांट्स) के लिए भी जाना जाता है। लेकिन यह भागलपुर जिले का एकमात्र अनुमंडल के साथ नगर पंचायत है। इस इलाके की गंगा में अवस्थित 3 पहाड़ियां का भी धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व है। इस पहाड़ी के ऊपर बाबा का मंदिर श्रद्धालुओं के पूजा पाठ एवं आस्था का केंद्र बना हुआ रहता है। वही इन पहाड़ियों का मनोरम दृश्य अनायास लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कहलगांव का नामकरण: किंवदंतियों के अनुसार यहां पर एक ऋषि रहा करते थे। जिसका नाम कहल था। उन्ही के नाम पर इस जगह का नाम कहलगांव रखा गया। कहलगांव ट्रेन, सड़क एवं जल मार्ग से भी जाया जाता है।
3 आईलैंड:
भागलपुर से अगर आप गंगा नदी के रास्ते कहलगांव जायेंगे। या फिर ट्रेन या सड़क मार्ग से कहलगांव पहुंचेंगे। तो वहां से 1 किलोमीटर स्थित गंगा तट जाएंगे तो आपको विशाल गंगा नदी के बीच में 3 आइलैंड नजर आएंगे ये आइलैंड किसी समुद्री आईलैंड कम नहीं लगते है। इस आइलैंड की खूबसूरती को बयां करना वैसे तो शब्दों में संभव नहीं है। लेकिन जब आप वहां जाएंगे तो शांति, सुकुन एवं मनोरम प्राकृतिक छटा का दर्शन के साथ आस्था का प्रतीक शांति बाबा का दर्शन भी कर पाएंगे।
धार्मिक महत्व:
प्राचीन काल से यह क्षेत्र धार्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। आप जब यहां पहुंचेगे तो आपको इस बात का एहसास हो जायेगा। कहलगांव में गंगा दक्षिण से उत्तर की तरफ बहती है। उत्तरायणी गंगा की धारा का महत्व कई शास्त्रों में उल्लेखनीय है। इसी जगह पर गंगा नदी के ठीक बीच में एक बेहद मनोरम पहाड़ी द्वीप है। इस द्वीप पर एक आश्रम है, जिसे शांति धाम के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यह धाम एवं रिवर आइलैंड देश विदेश के पर्यटकों के बीच में आस्था का केंद्र बना रहता है। आस्था का कारण यह है की गंगा नदी की सैकड़ों वर्षों से उत्तरवाहिनी धारा की साक्षी रही। दूसरा इस पहाड़ी पर बर्ह्मलीन शांति बाबा की समाधी है। शांति धाम वाले आईलैंड पहाड़ी पर घूमने के बाद पर्यटक इससे बिलकुल सटी हुई दो अन्य खूबसूरत पहाड़ियों पर घूमने के लिए अवश्य जाते हैं। यह पहाड़ी सिक्ख धर्म के लिए भी आकर्षण का केंद्र है क्योंकि पहाड़ी पर स्थित मंदिर में सिखों के पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब स्थापित है। इसलिए यहां पर सिख धर्मावलम्बी भी काफी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। वर्तमान में शांति धाम के संचालक शांति बाबा के शिष्य केदार बाबा बताते हैं की सन् 1900 में राजस्थान के झुंझनू में शांति बाबा का जन्म हुआ था। उन्होंने इस पहाड़ी पर आकर काफी सालों तक तपस्या की एवं फिर उन्होंने यहीं पर अंतिम समाधी ली थीं। एवं तब से उनके पुण्य तिथि पर उनके समाधी के पास हर साल एक सांप आते है एवं थोड़ी देर रुकने के बाद वहां से चले जाते हैं। इस आईलैंड से सटे कहलगांव के स्थानीय निवासी आशीष गुप्ता, सुरज गुप्ता, सत्या गुप्ता एवं राकेश गुप्ता आदि लोगों के अनुसार शांति बाबा की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में भारत के विभिन्न हिस्सों के अलावा कनाडा, सिंगापुर एवं नेपाल से भारी संख्या में शांति बाबा के अनुयायी यहां पहुंचते हैं। इस पहाड़ी को हम लोग अपने बचपन काल से ही देखते आ रहे हैं। इसकी प्रसिद्धि काफी बढ़ी है। लेकिन सरकार के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 
मौनी बाबा के शिष्य:
बेल्लूर मठ के मौनी बाबा के शिष्य शांति बाबा इस पहाड़ी पर 1930 में आये थे। एवं 1970 में वो ब्रह्मलीन हो गए थे। हर साल उनके पुण्यतिथि पर आश्रम को भव्य रूप में सजाया जाता है एवं यहां पर लंगर का आयोजन किया जाता है। लंगर में प्रसाद के रूप में खिचड़ी, चने की घुघनी एवं हलवा परोसा जाता है। बाबा के पुण्यतिथि के अवसर पर लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग यहाँ पहुंचते हैं। 
पर्यटन विभाग:
इन रिवर आइलैंड की प्राकृतिक छटा इसे अद्भुत और मनोरम बनाती है। आप बिहार घूमने आते हैं तो इस जगह पर जरूर आएं। हालांकि ये अभी भी बिहार पर्यटन विभाग के द्वारा इसकी विकास की सुधि नहीं ली है। यहां पर्यटकों की भीड़ सिर्फ शांति बाबा के पुण्य तिथि के अवसर पर ही दिखाई देती है। शेष किसी भी दिन आप यहां पर घूमने जा सकते हैं।
एकमात्र नाव सवारी:
कहलगांव भागलपुर से सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग दोनों जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी। आप मानसून में यहां की यात्रा न करें, क्योंकि बारिश के समय गंगा नदी पुरे उफान पर होती है। जैसा आपने तस्वीरों में देखा की पहाड़ी तक पहुंचने के लिए आपको नाव ही एकमात्र साधन है।

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